छत्तीसगढ़: प्राचार्य पदोन्नति प्रक्रिया पर हाईकोर्ट का हस्तक्षेप, तत्काल रोक के आदेश, सरकार से जवाब तलब

छत्तीसगढ़: प्राचार्य पदोन्नति प्रक्रिया पर हाईकोर्ट का हस्तक्षेप, तत्काल रोक के आदेश, सरकार से जवाब तलब
बिलासपुर:- स्कूल शिक्षा विभाग ने वर्षों बाद व्याख्याता से प्राचार्य पद पर पदोन्नति की। इस प्रक्रिया के 24 घंटे के भीतर ही नाराज हाई कोर्ट बिलासपुर ने पदोन्नति पर रोक लगा दी है। साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार को अवमानना नोटिस भी जारी कर दिया है। कोर्ट की नाराजगी इस बात को लेकर है कि पिछली सुनवाई में राज्य सरकार ने पदोन्नति को लेकर अंडरटेकिंग दी थी, इसके बावजूद पदोन्नति सूची जारी कर दी गई। कोर्ट ने राज्य सरकार को अवमानना का नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया है।
सात मई को होगी अगली सुनवाई
हाईकोर्ट ने इस रवैये को गंभीरता से लिया है और अगली सुनवाई की तारीख सात मई तय की है। बताया जाता है कि पदोन्नति सूची में बड़ी संख्या में वरिष्ठ व्याख्याताओं के नाम छूट गए हैं। इसलिए इस पदोन्नति प्रक्रिया से भी कुछ शिक्षकों में भारी रोष है। कुछ प्रकरणों में तो दावा आपत्ति के बाद भी सुनवाई नहीं करते हुए एकतरफा कार्रवाई की गई है।
पदोन्नति के बाद होनी थी पदस्थापना
राज्य सरकार ने 30 अप्रैल को ई संवर्ग के 1524 और टी संवर्ग के 1401 शिक्षकों सहित कुल 2925 शिक्षकों की पदोन्नति सूची जारी की थी। लेकिन इससे पहले हुई सुनवाई में सरकार की ओर से कोर्ट को यह भरोसा दिलाया गया था कि कोई भी अंतिम निर्णय अगली सुनवाई तक नहीं लिया जाएगा। इसके बावजूद सूची जारी करने पर याचिकाकर्ता पक्ष के वकीलों ने गुरुवार को अदालत को अवगत कराया कि यह सीधे-सीधे कोर्ट की अवमानना है